Surah Al Maun
- अरा अइताल लज़ी यू कज़िबू बिद दीन
- फ़ा ज़ालिक लज़ी यदु उल यतीम
- वा ला या हुद्दू अला तामिल मिस्कीन
- फ़ा वाई लुल लिल मु सल्लेन
- अल लज़ीना हम एक सलातिहिम सहून
- अल लज़ीना हम युरा ऊन
- वा यम ना ऊनल मा ऊन
       अरा-अईतल लजी यु कज्जीबू बिद्दीन,
के नबी ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम क्या आपने उसे देखा है जो क़यामत के दिन को झुठलाता है। (The Day of Judgment)
2. फजालि कल लजी यदु-उल यतीम,
यही वह शक्स है, जो यतीम को धक्का देता है। ( इस्लाम मे कहा है कि यतीमों को खाना खिलाओ और उनके सर पर प्यार से हाथ फेरों )
3. वला या हुद्दु अला ता-अमिल मिसकीन,
और गरीब और मिसकीनों को खाना नहीं खिलाता।
4. फा वई लुललिल मु सल्लीन,
लानत हो उन नमाज़ियों पर ( जो दिखावा करने के लिए नमाज़ पढ़ते है)।
5. अल लजीना हुम-अन सलातिहीम सहून,
जो शक्स नमाज़ों को भुला चुके हैं और अपनी नमाज़ों में गफलत करते हैं।
6. अल लजीना हुम युरा-उन,
जो मुनाफीक सिर्फ दिखावे के लिए नमाज़ पढ़ते है।
7. व यम ना ऊल-मा-ऊन।
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