Surah Ad Duha
- Wad duhaa
- Wal laili iza sajaa
- Ma wad da'aka rabbuka wa ma qalaa
- Walal-aakhiratu khairul laka minal-oola
- Wa la sawfa y'uteeka rabbuka fatarda
- Alam ya jidka yateeman fa aawaa
- Wa wa jadaka daal lan fahada
- Wa wa jadaka 'aa-ilan fa aghnaa
- Fa am mal yateema fala taqhar
- Wa am mas saa-ila fala tanhar
- Wa amma bi ni'mati rabbika fahad dith
पूर्वाह्न तक (सूर्योदय के बाद);
और रात को जब वह शान्त हो जाए (या अन्धियारा हो जाए);
आपके रब (हे मुहम्मद (  )) ने न तो आपको छोड़ा है और न ही आपसे नफरत की है।
)) ने न तो आपको छोड़ा है और न ही आपसे नफरत की है।
और निश्चय तुम्हारे लिये परलोक वर्तमान (इस संसार के जीवन) से उत्तम है।
और निश्चय तुम्हारा रब तुम्हें (सब कुछ अच्छा) देगा, ताकि तुम प्रसन्न हो जाओ ।
क्या उसने तुम्हें (हे मुहम्मद (  )) अनाथ नहीं पाया और शरण नहीं दी?
)) अनाथ नहीं पाया और शरण नहीं दी?
और उसने तुम्हें (क़ुर्आन, उसके कानूनी नियमों और पैग़म्बरी आदि से) अनभिज्ञ पाया और तुम्हें मार्ग दिखाया?
और उस ने तुम्हें कंगाल पाया, और धनवान बना दिया?
इसलिये अनाथोंके साथ ज़ुल्म न करना,
और अपने रब की कृपा (अर्थात् पैग़म्बरी और अन्य सभी कृपाओं) का प्रचार करो ।
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