Surah Al Ala
- Sabbihisma Rabbikal A'laa
- Allazee khalaqa fasawwaa
- Wallazee qaddara fahadaa
- Wallazeee akhrajal mar'aa
- Faja'alahoo ghusaaa'an ahwaa
- Sanuqri'uka falaa tansaaa
- Illaa maa shaaa'al laah; innahoo ya'lamul jahra wa maa yakhfaa
- Wa nu-yassiruka lilyusraa
- Fazakkir in nafa'atizzikraa
- Sa yazzakkaru maiyakhshaa
- Wa yatajannabuhal ashqaa
- Allazee yaslan Naaral kubraa
- Summa laa yamootu feehaa wa laa yahyaa
- Qad aflaha man tazakkaa
- Wa zakaras ma Rabbihee fasallaa
- Bal tu'siroonal hayaatad dunyaa
- Wal Aakhiratu khairunw wa abqaa
- Inna haazaa lafis suhu fil oolaa
- Suhufi Ibraaheema wa Moosaa
- अपने परमप्रधान प्रभु के नाम की महिमा करो,
- 2. जिसने उचित अनुपात में निर्माण और निर्माण किया,
- 3. और जिस ने सब वस्तुएं माप के अनुसार बनाईं, फिर उनको मार्ग दिखाया।
- 4. और जो चराहट उत्पन्न करता है
- 5. फिर उसे हरा-भरा करके मुरझा देता है।
- 6. हम तुम्हें [कुरान] पढ़ाएंगे, इसलिए तुम भूलोगे नहीं
- 7. परन्तु जो कुछ अल्लाह चाहता है, वह तो जानता है, जो खुल्लमखुल्ला है और जो छिपा हुआ है;
- 8. और हम तुम्हें आसान राह दिखाएंगे ।
- 9. अतः लोगों को स्मरण दिलाओ, यदि स्मरण दिलाने से कुछ लाभ हो।
- 10. जो अल्लाह से डरेगा वह ध्यान देगा
- 11. जब कि अभागा उस से बचा रहेगा,
- 12. जो बड़ी आग में प्रवेश करेगा,
- 13. जिस में वह न तो मरेगा और न जीएगा।
- 14. वह सचमुच सच्ची सफलता प्राप्त करेगा जो अपने आप को शुद्ध करेगा
- 15. और अपने रब के ऊंचे नामों पर ध्यान करता है, और प्रार्थना करता है ।
- 16. परन्तु तुम [हे मनुष्यों] को संसार का जीवन ही अधिक प्रिय है
- 17. यद्यपि परलोक उत्तम और अधिक स्थिर है।
- 18. सचमुच पहिले धर्मग्रंथों में यही था,
- 19. इब्राहीम और मूसा की आयतें

 
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